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Related to : Community Contribution

Means/Methods: Activity

Area: Community Participation

Subject: Hindi

Level : Primary

District: Gorakhpur

Teacher’s Name: संगीता भास्कर

Topic : Community Engagement (Community Contribution)

सारांश -

माता अभिभावक दक्षता मंथन बैठक में विद्यार्थियों की माताओं का आमंत्रित करके उनको बच्चों की शिक्षा के प्रति जागरूक किया गया। जिससे विद्यालय में बच्चों के नामांकन दर एवं नियमित उपस्थिति में वृद्धि हो सके। प्रत्येक माह में जिन बच्चों की उपस्थिति 75% से अधिक थी, जो बच्चे प्रतिदिन का गृह कार्य करते थे एवं जो बच्चे साफ-सुथरे गणवेश में विद्यालय आते थे। उनके अभिभावकों को बैठक में पुरस्कृत किया गया है। इस प्रकार यह नवाचार विद्यालय के शैक्षिक परिवेश को परिवर्तित करने में सहायक सिद्ध हुआ।

उद्देश्य-

प्राथमिक विद्यालय बिस्टौली में पर्याप्त स्थान के बावजूद न तो बच्चों का नामांकन ही पर्याप्त था और नामांकन के सापेक्ष उपस्थिति बहुत कम थी। रजिस्टर लेकर एक-एक बच्चे को चिन्हांकन कर उनकी समस्याओं को समझते हुए उनका समाधान निकालने का प्रयास किया गया। परन्तु अपेक्षा के अनुरूप न तो नामांकन और न ही उपस्थिति प्रकट हो पायी। गाँव का पुरूष वर्ग धनोपर्जन के लिए बाहर चले जाते हैं और घर की समस्त जिम्मेदारी महिलाओं पर होती है। अतः यह आवश्यक हो गया कि महिला अभिभावकों को बच्चों की शिक्षा के प्रति जागरूक किया जाए। इसी विचार के कियान्वयन हेतु विद्यालय में हर माह माता अभिभावक दक्षता मंथन बैठक प्रारम्भ किया गया। इस बैठक का उद्देश्य मुख्यतः माता अभिभावकों को शिक्षा के महत्व से अवगत कराना, उन्हे अपने बच्चों की शिक्षा के प्रति जागरूक करना, विद्यालय में बच्चों का नामांकन दर बढ़ाने के साथ-साथ नियमित उपस्थिति व ठहराव में वृद्धि करना है।

क्रियान्वयन -

सबसे पहले विद्यालय में शिक्षकों के साथ चर्चा करके सभी विद्यार्थियों के माता अभिभावक या महिला अभिभावक का मोबाइल नं० एक रजिस्टर पर कक्षावार लिखा गया, फिर उनके घर फोन द्वारा विद्यार्थी की माता या उनकी महिला अभिभावक को विद्यालय में माता अभिभावक दक्षता मंथन बैठक के लिए आमंत्रित किया गया। जिन विद्यार्थियों का सम्पर्क नं० नहीं था उनके घर पर समूह बनाकर शिक्षक गये और महिला अभिभावक को विद्यालय में माता अभिभावक दक्षता मंथन बैठक में निर्धारित समय पर आने के लिए आमंत्रित किया गया। एक समय निर्धारण होने के पश्चात् बैठक आरम्भ किया जाता है। महिला अभिभावकों को शिक्षा के प्रति जागरूक करते हुए इस बात से अवगत कराया जाता है कि बच्चों को शिक्षित करने और सफल बनाने में शिक्षक के साथ-साथ आपकी भी महत्वपूर्ण भूमिका है। बच्चों को सुबह खेतों में न ले जाकर उनको विद्यालय भेजना सुनिश्चित करें साथ ही विद्यालय की शैक्षिक तथा सहशैक्षिक गतिविधियों पर भी विस्तार से चर्चा की जाती है। महिला अभिभावकों को विभाग की गतिविधियों के विषय में भी जागरूक किया जाता है। बच्चों से सम्बन्धित प्रश्नों पर विस्तार से चर्चा होती हैं। बच्चों के साथ माताओं को नये कौशल और रचनात्मकता से सम्बन्धित छोटी-छोटी गतिविधियाँ करायी जाती हैं जैसे सेल्फी प्वाइंट बनाना, पसन्द नापसन्द, स्वच्छ हम तो स्वस्थ्य हम, बिल्डिंग ब्लॉक आदि। इन गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली महिला अभिभावक और उनके बच्चों को पुरस्कृत किया जाता है। अगली बैठक में कुछ और सम्मान सम्मिलित किये गये जिनके मानदण्ड बनाये गये जैसे-किस अभिभावक के बच्चे की माह में उपस्थिति 75 प्रतिशत रही और किसके बच्चे प्रतिदिन गृहकार्य पूरा करते हैं, किसका बच्चा साफ-सफाई से विद्यालय आता है और सबसे जागरूक महिला अभिभावक कौन है आदि। जो महिला अभिभावक किसी कारणवश बैठक में उपस्थित नही हो सकी उनको बैठक में आई हुई महिलाओं द्वारा अगली बैठक में बुलाने हेतु प्रेरित किया जाता है।

प्रभाव-

इस नवाचार का प्रभाव यह हुआ कि अभिभावक और शिक्षक के बीच परस्पर सहयोग की भावना जागृत हुई। विद्यालय में नामांकन दर, कक्षा उपस्थिति में सुधार और विद्यार्थियों के ठहराव में वृद्धि हुई- अभिभावकों में शिक्षा के प्रति दृष्टिकोण बदला है और जागरूकता बढ़ी है। कुछ अभिभावक अपने बच्चों को प्राईवेट विद्यालय से निकालकर परिषदीय विद्यालय में नामांकन भी करने लगे हैं। अब वे बच्चों के साथ-साथ स्वयं भी रूचि लेते हुए बच्चों का गृहकार्य पूर्ण कराते हैं जिससे निपुण लक्ष्य की प्राप्ति में सहयोग मिल रहा है। विद्यार्थियों के अधिगम स्तर में बढ़ोत्तरी हुई है। अभिभावक बच्चों के स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति भी जागरूक हुए हैं। विद्यालय का शैक्षिक परिवेश में सकारात्मक परिवर्तन हुआ और अब एक स्वस्थ्य, शैक्षिक समाज के निर्माण की ओर न केवल विद्यालय बल्कि सम्पूर्ण बिस्टौली ग्राम अग्रसर है।