Community Engagement
Community Contribution .
Related to : Community Contribution
Means/Methods: Community Engagement
Area: Community Participation
Subject: Hindi
Level : Upper Primary
District: Gonda
Teacher’s Name: राखाराम
सारांश -
ड्राप आउट कम करने तथा सभी के लिए शिक्षा की पहुँच सुनिश्चित करने के लिए कम्युनिटी लर्निंग पॉइंट की स्थापना ग्रामीण स्तर पर की गई है। जिसमें विद्यालय समय से इतर शाम 06:00 बजे से 08:00 के मध्य पूर्णतया डिजिटल आधारित कक्षाएं समुदाय के सहयोग से संचालित होती है और अभिभावकों को प्रेरित करने के दृष्टि से पाठ्क्रम के साथ-साथ पाठ्य सहगामी गतिविधि आधारित वीडियो प्रोजेक्टर पर दिखाये जाते हैं।
उद्देश्य-
विद्यालय में नामांकन और उसके सापेक्ष ठहराव के शत-प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने में सबसे बड़ी बाधा बच्चों की विद्यालय मे अनियमित उपस्थिति रहती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बच्चों के शत-प्रतिशत नामांकन और ठहराव को सुनिश्चित करने पर बल दिया गया है। ड्राप आउट बच्चे शत-प्रतिशत नामांकन और ठहराव को प्राप्त करन में बहुत बड़ी चुनौती बने है। बच्चों के ड्राप आउट होने का कारण उनकी पारिवारिक, सामाजिक, एवं आर्थिक परिस्थितियाँ जिम्मेदार है। बच्चों के ड्राप आउट दर को कम करने, विद्यालय में उनकी उपस्थिति बढ़ाने के लिए डिजिटल माध्यमों द्वारा अभिभावकों से सम्पर्क कर तथा अभिभावकों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए कम्युनिटी लर्निंग पॉइंट की अवधारणा विकसित की गयी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रवासी मजदूरों के बच्चों और विविध परिस्थितियों में स्कूल छोडने वाले बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में वापस लाने के लिए समुदाय के सहायोग से वैकल्पिक एवं नवीन शिक्षा केन्द्र के रूप में कम्युनिटी लर्निंग पॉइंट को स्थापित किया जा सकता है। डिजिटल कम्युनिटी लर्निंग पॉइंट राष्ट्रीय शिक्षा नीति में वर्णित समता और समानता के आधार पर सभी को समान अवसर प्रदान करने का सहज माध्यम है। जो डिजिटल लिटरेसी को बढ़ावा देने के साथ बच्चों एवं अभिभावक को सशक्त नागरिक बनाने में सहायता करता है। जिससे बच्चों का नामांकन, ठहराव और शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि होने के साथ-साथ सभी के लिए शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित हो रही है।
क्रियान्वयन -
डिजिटल कम्युनिटी लर्निंग पॉइंट के माध्यम से अभिभावकों एवं बच्चों को जागरूक किया जा रहा है। जिसका मुख्य उद्देश्य ड्रॉप आउट दर कम करने तथा सभी के लिए शिक्षा की पहुँच सुनिश्चित करना है। जिसमें सामुदायिक स्तर पर गाँव के मध्य अभिभावकों एवं बच्चों के बीच विद्यालय समय से इतर लिर्निंग प्वाइंट के द्वारा वीडियो दिखाकर किया जा रहा है। जो पूर्णतयः डिजिटल आधारित होने के साथ शाम 06:00 से 08:00 बजे के मध्य समुदाय के सहयोग से संचालित होता है।
जिससे अभिभावक एवं बच्चे सहजता से कार्यक्रम में सम्मिलित होते हैं। कार्यक्रम आयोजन-तिथि की पूर्व सूचना उस विद्यालय के शिक्षकों एवं उनके माध्यम से अभिभावकों को दिया जाता है। सामुदायिक सहयोग से प्रोजेक्टर, साउण्ड एवं अन्य हार्डवेयर सामग्री उपलब्ध करायी जाती है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उ०प्र० लखनऊ के OER (ओपेन ऐजूकेशनल रिर्सोसेस) की कार्यशाला से प्राप्त पेनड्राइव के माध्यम से पाठ्यक्रम आधारित एवं पाठ्सहगामी शैक्षिक गतिविधियों तथा सरकारी योजनाओं से सम्बन्धित वीडियो को कार्यक्रम में प्रोजेक्टर पर प्रदर्शित कर सामूहिक चर्चा की जाती है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, एवं मुख्य विकास अधिकारी द्वारा शिक्षक के द्वारा किये गये इस शैक्षिक पहल की सराहना की गयी एवं अन्य शिक्षकों को इस प्रकार के पहल करने हेतु प्रेरित किया गया। शिक्षक द्वारा निर्धारित समयानुसार वीडियों को प्रदर्शित किया गया तथा अभिभावकों एवं बच्चों से वीडियों में प्रदर्शित विषय-वस्तु पर चर्चा की गयी।
प्रभावः-
प्रतिदिन शाम को विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों, ऑडियों, वीडियों को प्रोजेक्टर के माध्यम से समुदाय के साथ संप्रेषित करने का बेहतर परिणाम प्राप्त हुआ और उनमें से अधिकांश बच्चे नियमित रूप से विद्यालय आने लगे। ड्रापआउट जैसी शैक्षिक परिवेशीय समस्या का समाधान निकालने में 'कम्युनिटी लर्निंग पॉइंट' शिक्षक और समुदाय के बीच में संवाद और अपनत्व स्थापित करती है। जिससे विभिन्न पृष्ठभूमि के बच्चों को एक मंच पर लाने व उनमें आत्मविश्वास के साथ सीखने का अवसर प्रदान करती है। जिससे उनके अन्दर सामाजिक सहयोग की भावना विकसित हुई एवं अभिभावक अपने बच्चों के शिक्षा के प्रति जागरूक हुए और शिक्षक विद्यार्थी और समुदाय की श्रृंखला को मजबूती मिली।