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School Environment

Eco Club .

Related to : Eco Club

Means/Methods: Activity

Area: Environmental Protection

Subject: Environment

Level : Upper Primary

District: Siddharth Nagar

Teacher’s Name: श्री अभिषेक कुमार

सारांश  -

बच्चों, अभिभावकों एवं ग्रामीणों में पौधों एवं वृक्षों के प्रति जागरूकता बढ़ाने उनमें पौधों वृक्षों के प्रति स्नेह का विकास करने एवं महत्व को समझाने के लिए विभिन्न जानकारी जैसे वैज्ञानिक नाम, औषधीय गुण व उपयोग आदि को वृक्षों एवं पौधों पर चस्पा क्यू आर कोड को स्कैन करके जानकारी प्राप्त कर लेते है। इस गतिविधि के माध्यम से विद्यार्थियों में डिजिटल लिटरेसी के प्रति रुचि उत्पन्न हुई साथ ही साथ पर्यावरण के प्रति जागरूक हुए।

उद्देश्य -

विद्यार्थियों के साथ-साथ संबन्धित अभिभावकों, ग्रामीणों एवं आसपास के सभी समुदायों आदि को अधिक से अधिक पौधरोपण एवं पहले से लगे हुए पौधों और वृक्षों आदि की रक्षा तथा पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक (जैसे पेड़-पौधों के वैज्ञानिक नाम, विभिन्न प्रकार की औषधीय गुणों के बारे में जानकारी) करने और सचेत करने हेतु विद्यालय के शिक्षक द्वारा एक नवीन प्रयास किया गया। विद्यार्थियों को सूचना और प्रौधौगिकी के माध्यम से पौधों या वृक्षों की जानकारी देने हेतु बहुत कम निवेश करते हुए अपने विद्यालय के प्रांगण एवं गाँव में संबंधित पौधों या वृक्षों पर क्यू आर कोड चिपकाया गया, जिससे लोगों को इस क्यू.आर कोड को स्कैन करके सम्बंधित पौधों और वृक्षों के बारे में जरूरी जानकारी प्राप्त हो सके और उन्हें जागरूक करते हुए वृक्षों या पौधों की रक्षा की जा सके।

क्रियान्वयन -

सबसे पहले शिक्षक द्वारा अपने विद्यालय में लगे पौधों और वृक्षों के साथ-साथ गाँव के आसपास लगे सभी पौधों और वृक्षों को चिन्हित किया गया, फिर विद्यार्थियों द्वारा प्रमाणिक किताबों, पत्रिकाओं, जर्नल्स, इन्टरनेट आदि माध्यम से सभी चिन्हित पौधों और वृक्षों के बारे में विस्तृत जानकारियाँ (जैसे पेड़-पौधों के वैज्ञानिक नाम, विभिन्न प्रकार की औषधीय गुणों के बारे में जानकारी) एकत्रित किये गए। जानकारी की प्रमाणिकता की जाँच विषय विशेषज्ञों द्वारा करके आलेख तैयार कर लिखा गया। क्यू.आर. (Q.R.) कोड को बनाने के लिए सबसे पहले विद्यार्थियों ने अपने-अपने मोबाइल के एप्लीकेशन प्ले स्टोर द्वारा क्यू.आर. कोड जेनरेट कर डाउनलोड किया। तत्पश्चात् इससे संबंधित सूचनाओं के माध्यम से पेड़ो एवं पौधों के बारे में 300 शब्दों (क्योंकि सम्बन्धित एप्लीकेशन या एप निःशुल्क रूप से केवल 300 शब्दों को ही लिखने की जगह देता है) तक उपयोगी जानकारियों को किताबों, पत्रिकाओं या इंटरनेट आदि द्वारा खोजकर कर लिखा गया। विभिन्न रंगों एवं डिजाइन के क्यू.आर. कोड को जनरेट किया गया। उसके बाद इस क्यू.आर. कोड को अपने विद्यालय के प्रांगण एवं गाँव के आसपास के पेड़ो में अच्छी तरह से चिपकाया गया, जिससे लोग इस क्यू आर कोड को स्कैन करके संबंधित वृक्षों की विभिन्न उपयोगी जानकारियों को प्राप्त कर सकें। इसकी अच्छी तरह से देख-रेख करते हुए रक्षा करें, अपने आसपास खाली जगहों पर अधिकाधिक पौधरोपण करें। जिससे हमारा पर्यावरण शुद्ध और स्वच्छ बना रहे।

प्रभाव -

क्यू.आर (Q.R.) कोड द्वारा स्कैन करके अनोखे तरीके से पौधों एवं पेड़ों के बारे में उपयोगी जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे विद्यालय के विद्यार्थियों और समुदाय के लोगों में बहुत उत्सुकता दिखा, आने-जाने वाले लगभग सभी लोग क्यू.आर. कोड को स्कैन करके संबंधित पेड़ों की नयी-नयी जानकारियां प्राप्त कर रहे हैं, जिससे उन सभी का पेड़ों एवं पौधों के प्रति लगाव बढ़ रहा है और वे गाँव में नए-नए पौधारोपण भी कर रहे हैं। विद्यार्थियों द्वारा विद्यालय प्रागंण में 15 पौधों एवं वृक्षों तथा गाँव में 36 पौधो एवं वृक्षों अर्थात कुल 51 पौधों और वृक्षों पर इनसे सम्बन्धित जानकारियों के लिए क्यू. आर. कोड चिपकाया गया तथा इसके साथ ही गाँव के सामुदायिक स्थानों पर 58 नये पौधारोपण करके इनकी रक्षा क्यू आर कोड के माध्यम से की जा रही है। इस गतिविधि के द्वारा विद्यार्थियों में डिजिटल लिटरेसी के प्रति भी रूचि उत्पन्न हुई जिसका उपयोग करके विद्यार्थियों के ज्ञानात्मक, भावनात्मक और अनुप्रयोगात्मक जैसे कौशलों का विकास होते हुए भी स्पष्ट प्रदर्शित हुआ। विद्यार्थियों में क्यू.आर. कोड तथा पर्यावरण के प्रति समझ विकसित हुई तथा समुदाय में पर्यावरण के प्रति रुचि बढ़ी तथा पेड़-पौधों के प्रति कर्तव्य बोध की भावना भी विकसित हुई। इस नवाचार द्वारा अनोखे ढंग से पौधों एवं पेड़ो के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हमारे विद्यालय के प्रधानाध्यापक के साथ-साथ विद्यालय परिवार के सभी शिक्षक, विद्यार्थियों, अभिभावक, ग्रामवासियों, ग्राम प्रधान, जिलाधिकारी द्वारा इस कार्य की सराहना की गयी। इस नवाचारी गतिविधियों को दूसरे गाँव के विद्यालयों के साथ साझा करते हुए विद्यार्थियों के साथ लागों मे पर्यावरण के प्रति अधिक से अधिक जागरूकता फैलाने व नवीनतम तकनीकों के माध्यम से पर्यावरण की रक्षा करने का प्रयास किया जा रहा है।