Related to : NIPUN Lakshya
Means/Methods: Activity
Area: Educational Quality Enhancement
Subject: Hindi
Level : Primary
District: Barabanki
Teacher’s Name: कमलेश कुमार वर्मा
Topic : NIPUN Lakshya (NIPUN Lakshya)
सारांश -
यह पूर्व प्राथमिक व प्राथमिक स्तर की कक्षा के बच्चों के लिए हिंदी और गणित को स्थानीय भाषा में स्वरचित कविताओं के माध्यम से सिखाने का अनूठा प्रयास है। शिक्षक का कविताओं द्वारा शिक्षण करने का उद्देश्य बच्चों में हिंदी और गणित के प्रति रुचि उत्पन्न करना, आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान को मजबूत करना और निपुण लक्ष्यों की प्राप्ति में योगदान करना है। शिक्षक ने कविताओं द्वारा हिंदी अक्षरों और गणितीय संख्याओं को रचनात्मक तरीके से हावभाव के साथ प्रस्तुत किया है। इन कविताओं के माध्यम से बच्चे बडी सरलता से स्थानीय भाषा में न केवल कक्षा में रूचि लेते है बल्कि उनकी अक्षरों और संख्याओं की अवधारणाएँ स्पष्ट और सुदृढ़ होती है।
उद्देश्य-
प्राथमिक और पूर्व-प्राथमिक स्तर पर बच्चों का मन खेल, कहानी और कविताओं में अधिक लगता है। शैक्षिक गतिविधियों और कविताओं के माध्यम से बच्चों को पढ़ाना प्रभावी सिद्ध होता है। इस पद्धति से बच्चे सहज रूप से सीखते हैं, क्योंकि कविताओं की लय और खेलों की गतिविधियाँ उनकी स्मरणशक्ति को बढ़ाती हैं और उन्हें विषयों को जल्दी आत्मसात करने में मदद करती हैं। साथ ही, यह विधि उनके सामाजिक, रचनात्मक और भाषाई कौशल को भी विकसित करती है, जिससे उनका समग्र विकास सुनिश्चित होता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के अंतर्गत, प्राथमिक और पूर्व प्राथमिक कक्षाओं के विद्यार्थियों को मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने पर विशेष बल दिया गया है। परिषदीय विद्यालय के छात्र अपनी परिवेशीय / स्थानीय भाषा को आसानी से समझते है और उससे जुड़ाव महसूस करते है। परन्तु अधिकतर शिक्षक अपनी भाषा में शिक्षण करते है जिससे परिषदी विद्यालय के छात्रों के लिए आधारभूत अवधारणाओं को समझना भी कठिन हो जाता है। अतः शिक्षक ने इस समस्या को समझते हुए बच्चों के संज्ञानात्मक विकास के मार्ग को सरल बनाना और उनकी जड़ों से जोड़ना के उद्देश्य से स्थानीय भाषा की कविताओं में हिन्दी वर्णमाला और संख्याओं का पिरोया का कार्य किया। मातृभाषा या स्थानीय भाषा के माध्यम से शिक्षा, बच्चों को विषय को समझने और आत्मसात करने में अधिक सक्षम बनाती है। इसी क्रम में हिंदी वर्णमाला और गणित की संख्याओं को स्थानीय भाषाओं के माध्यम से सरल और रचनात्मक तरीके से सिखाने का प्रयास शिक्षक द्वारा स्वरचित कविताओ के माध्यम से किया जा रहा है, ताकि विद्यार्थी अपनी सांस्कृति से परिचित हों और साथ ही साथ हिंदी भाषा और गणित का आधारभूतका ज्ञान प्राप्त कर सकें।
क्रियान्वयन-
हिंदी वर्णमाला और गणित की संख्याओं को प्रभावी ढंग से सिखाने के लिए एक अभिनव प्रयास के रूप में, मुख्य रूप से क्षेत्रीय / स्थानीय भाषाओं का प्रयोग करते हुए स्वरचित कविताओं का उपयोग किया गया है। शिक्षक द्वारा स्व-रचित कविताओं के माध्यम से हिंदी की वर्णमाला और गणित की संख्याओं का ज्ञान बच्चों को कराया जा रहा है। इन कविताओं को बच्चों की स्थानीय बोली और संदर्भों को ध्यान में रखते हुए लिखा गया है. जिससे की वे आसानी से इन्हें समझ सकें और सीखने में रुचि लें। हिंदी वर्णमाला और गणित संख्याओं को कविता में इस प्रकार पिरोया गया है कि बच्चे खेल-खेल में इनका ज्ञान प्राप्त कर लें। शिक्षक कविताओं को अभिनय और गतिविधि-आधारित शिक्षण के माध्यम प्रस्तुत करता है। शिक्षक द्वारा पहले कविता को लयबद्ध तरीके से प्रस्तुत किया जाता है तत्पश्चात छात्र उसका अनुकरण करते हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से बच्चे अक्षरों की पहचान व उच्चारण से परिचित होते है। शिक्षक ने अक्षरों व गणित की अवधारणाओं पर कई कविता की रचना की है। अपने प्रयास के लिए पूर्व में भी कई स्तर पर सम्मानित हो चुका है। कविता के पश्चात् बंद छोर के प्रश्न और खुले छोर के प्रश्न पूछ कर बच्चों की समझ का आंकलन किया जाता है।
प्रभाव-
शिक्षक ARP के रूप में, शिक्षक को प्रति माह 30 विद्यालयों का भ्रमण करने का अवसर प्राप्त होता है, जहां बच्चों के साथ काम किया जाता है। इन विद्यालयों में विद्यार्थियों ने शिक्षक की स्व-रचित कविताओं के माध्यम से हिंदी वर्णमाला और गणित के संख्याओं को समझने में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। कविताओं के उपयोग से न केवल उनकी हिंदी भाषा में पकड़ मजबूत हुई है, बल्कि गणित के प्रति भी उनकी समझ में सुधार आया है। बच्चों ने इन कविताओं के माध्यम से आसानी से संख्याओं और वर्णमाला को याद किया और उन्हें दैनिक जीवन में उपयोग करने की क्षमता विकसित की। इन नवाचार प्रयासों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं, जिस भी विद्यालय में इस नवाचार को किया गया वहां पर लगभग 90% बच्चों में संख्या और अक्षरों की पहचान का कौशल विकसित हुआ। हर विद्यालय के बच्चों में सीखने की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिला है और उनकी बौद्धिक क्षमता में वृद्धि देखी गई है। इस नवाचार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नया दृष्टिकोण प्रदान किया है, जहां परंपरागत शिक्षा पद्धतियों से हटकर, बच्चों की रुचि और उनकी भाषा क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें अधिक प्रभावी ढंग से शिक्षित किया जा रहा है।
इस क्रियान्वयन पद्धति ने बच्चों में हिंदी भाषा और गणित के प्रति रुचि बढ़ाई है। कविताओं के माध्यम से विषयों को सिखाने का यह तरीका बच्चों को रोचक और आसान लगा, जिससे उनकी सीखने की क्षमता में महत्वपूर्ण सुधार देखा गया।